माँ! तेरा लाडला तुमसे एक प्रश्न पूछना चाहता है
हाँ, माँ तू दे जवाब आज
माँ! क्यों सड़क किनारे छोटू भूखे पेट ही सो जाता है रातों में
और हम खाते हैं तरह-तरह के स्वादिष्ट व्यंजन
माँ! क्या छोटू को अच्छा खाना अच्छा नहीं लगता
माँ बोल, तू चूप क्यों है?
दे जवाब माँ!
माँ कहती है सुन मेरे लाडले
ईश्वर ने किसी के जीवन में दिया है दर्द बहुत तो
किसी के जीवन में बेइंतहा ख़ुशी
छोटू लड़ रहा है गरीबी से आज, पर
एक दिन आएगी ख़ुशी उसके भी द्वार
छोटू फिर किसी भी दिन भूखा नहीं सोएगा रातों में।।
माँ! तेरी आँखों का तारा, दुलारा
पूछना चाहता है तुमसे दूसरा प्रश्न
हाँ, माँ तू दे जवाब आज मुझे
माँ! विद्यालय में शिक्षक जी भी
सिखलाते हैं दूसरों की मदद करना
शिक्षक जी ने बतलाया था
ज़रुरतमंदों की मदद करने हेतु
हमें हाथ आगे बढ़ाना चाहिए
फिर क्यों? पापा ने वापस भेज दिया
बिना कुछ दिए, घर पर आए दो रोटी मांगने
दादा जी को, क्यों माँ? आखिर क्यों?
शायद इसलिए, कि वो अपने घर के सदस्य नहीं थे
क्या अपनों को छोड़कर दूसरों की मदद
नहीं करना चाहिए माँ!
हाँ बोल तू दे जवाब
माँ थी मौन, मन ही मन माँ भी
कर रही थी ख़ुद से प्रश्न कई।।
माँ! कल ही तो पापा कह रहे थे
पड़ोस में बंटी के पापा को
बेटियाँ भी कर सकती हैं बहुत कुछ
बना सकती हैं अपनी एक अलग पहचान
फिर चार महीने पहले
क्यों पापा ने मेरी बहन को
इस दुनिया में आने से मना कर दिया
क्यों माँ? केवल अच्छी बातें कहने के लिए
ही होती हैं, माँ तू भी तो राजी हो गई थी
मेरी बहन को इस दुनिया में नहीं लाने खातिर
क्यों माँ? आखिर तुमने और पापा ने ऐसा क्यों किया?
माँ फिर मौन खड़ी थी
लाडले को जवाब दे सके माँ इतनी हिम्मत
माँ में अब बची नहीं थी।।
माँ! तुमने मेरे दो प्रश्नों का उत्तर तो दिया ही नहीं!
माँ फिर भी एक और प्रश्न पूछता हूँ तुमसे
माँ! क्यों तुम दादी को नानी की तरह नहीं चाहती हो
क्यों माँ? तुम दादी से ऊंची आवाज़ में बात करती हो
माँ कल रात में दादी को मैंने रोते देखा था
मैं भी दादी की गोद में जाकर उस वक्त रोया था
तुमने ही तो कल दादी को डांटा था
क्यों माँ? तुम ही सिखलाती हो भईया और दीदी से
मिलजुलकर रहना,अपनों से प्यार करना
फिर माँ, तुम क्यों दादी से झगड़ती हो
क्या दादी माँ तुम्हारी कुछ नहीं लगती है?
माँ अब फिर से मौन खड़ी थी पर
आज उसके नन्हे लाडले ने
कुछ प्रश्न कर माँ को एक बड़ी सीख दे दी थी।।
©कुमार संदीप
मौलिक, स्वरचित, अप्रकाशित
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
बढ़िया 👏👏👏👏👏👏💐💐💐💐
बिल्कुल सही प्रश्न किए हैं मगर इस यांत्रिकी युग में हर कोई मजबूर है होगी कोई मां की मजबूरी शायद मासूम को उत्तर ना दे पाए
जी धन्यवाद आपका
जी धन्यवाद मैम आपका। सही कहा आपने
Bht achey marmic prashn h brother 👍👌💐💐
Thanks a lot dear sir
बहुत सुंदर और मार्मिक 👌
धन्यवाद दी आपका
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