यदि मैं डॉक्टर होता

धरती के भगवान सभी डॉक्टर्स को सलाम!

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Kumar Sandeep
Kumar Sandeep 04 Jul, 2020 | 1 min read
Doctors duty Doctors

डॉक्टर्स जिन्हें धरती का भगवान कहा जाता है। इन्हें यूं ही भगवान का दर्जा नहीं प्राप्त हुआ है। बल्कि इनका व्यवहार, इनका कार्य सचमुच भगवान के समान है। भगवान हमें एक नया जीवन देते हैं। जीवन में जब कभी हम अस्वस्थ हो जाते हैं जो डॉक्टर्स ट्रीटमेंट कर हमें बीमारी से मुक्त कर एक नया जीवन देते हैं। उम्मीद की किरण दूर-दूर तक जब दिखाई नहीं देती है तो डॉक्टर्स उस क्षण हमें उम्मीद की किरण दिखाते हैं, एक नया राह दिखाकर। तो हुए न डॉक्टर्स भी ईश्वर के समान।

वैसे तो दसवीं कक्षा के पश्चात मैंने वाणिज्य संकाय(कॉमर्स फैकल्टी) चूना। अभी वाणिज्य संकाय से ही अध्ययनरत हूँ। पर यदि, मैं विज्ञान संकाय से पढ़ता व डॉक्टर्स बन पाता यदि कभी तो मैं डॉक्टर बनने के पश्चात क्या-क्या करता उसे मैं आप सब के समक्ष इस आलेख के माध्यम से बताने जा रहा हूँ। उम्मीद है कि आप आलेख अंत तक एकाग्रता पूर्वक पढ़ेंगे।

यदि मैं डॉक्टर(चिकित्सक) होता तो मैं सचमुच वो सभी कार्य करता जो एक आदर्श डॉक्टर को करना चाहिए।

मरीजों के चेहरे पर मुस्कान लाता मैं भी;- मेरी ज़िंदगी में कई ऐसे पल आए हैं जब मैंने अस्पताल में डॉक्टर्स की क्लिनिकों पर मरीजों को मरीज के परिवारवालों को अंदर तक टूटते देखा है। जब मरीज डॉक्टर्स के पास पहुंचते हैं तो उनके चेहरे पर मायूसी के बादल साफ-साफ दिखाई देती है। डॉक्टर्स से काफ़ी उम्मीदें लेकर आते हैं मरीज और उनके परिवारवाले। मैं डॉक्टर्स होने के नाते जो संभव हो पाता वो सब करता। भले मरीज मायूस होकर पहली बार मेरे पास आते पर मैं यह पूर्ण प्रयत्न करता कि इलाज के पश्चात जब वे घर जाएं तो उनके चेहरे पर मुस्कान रहे। इसलिए मुझसे जो बन पाता मैं करता।

आर्थिक स्थिति कमज़ोर होता जिन परिवारवालों का उनका इलाज भी करता;- जन्म और मृत्यु का समय तो कोई नहीं जानता है ईश्वर के अलावा। ईश्वर की मर्जी के समक्ष सभी बेबस हैं। पर कई बार ऐसा देखा जाता है कि पैसों के अभाव में इलाज न होने के कारण गरीब परिवार में असमय ही दुःख का पहाड़ टूट जाता है। इलाज न होने की वजह से असमय ही ईश्वर की शरण में जाना पड़ता है गरीब परिवार को। सुखी संपन्न लोगों का साथ और सहयोग भी नहीं मिलता है गरीब परिवार को। डॉक्टर्स की फी इतनी ज्यादा होती है कि गरीब परिवार इलाज करवा पाने में असक्षम होता है। इस दशा में यदि कोई निर्धन परिवार मेरे पास इलाज करवाने के लिए आता तो मैं उसे हर्गिज वापस नहीं जाने देता। मुझसे जहाँ तक संभव हो पाता मैं उनकी मदद करता। डॉक्टर्स होने के नाते मैं उनका इलाज तो करता ही साथ में उन्हें विश्वास भी दिलाता कि आप बिल्कुल चिंता मत कीजिए मुझसे जहां तक बन पाएगा मैं आपकी मदद करूंगा।

अपनी जमा पूंजी में से भी यदि रुपये देना पड़ता तो गरीब परिवार के इलाज में देता;- कोई भी मरीज इलाज के अभाव में असमय ही न मरे इसलिए अपनी जमा पूंजी में से भी यदि पैसा देना पड़ता तो अवश्य करता। क्योंकि किसी अपने को असमय ही खो देने का दर्द असहनीय होता है। मेरा प्रयास यही रहता बतौर डॉक्टर कि किसी भी परिवार का कोई भी सदस्य पैसों के अभाव में असमय ही ईश्वर की शरण में न जाए।

महीने में तीन या चार दिन निर्धन बस्तियों में जाकर मुफ्त इलाज करता;- पेट की भूख मिटा पाना ही निर्धन परिवार के लिए एक सबसे बड़ी चुनौती होती है। बीमारी का इलाज करवाने के लिए उनके पास पैसे ही कहाँ होते हैं। इस स्थिति में यदि मैं एक थोड़ी-सी मदद कर पाता बतौर डॉक्टर तो सचमुच मुझे भी बेइंतहा ख़ुशी होती और उन्हें भी सहारा मिलता। यदि मैं डॉक्टर होता तो महीने में तीन या चार दिन उन बस्तियों में जाकर मुफ्त में इलाज करता जहाँ लोग पैसों के अभाव में इलाज नहीं करवा पाते हैं।

सचमुच यदि मैं डॉक्टर होता तो ये सभी कार्य निश्चित-ही करता। इंसानियत होने के नाते एक इंसान का फ़र्ज़ है कि वह ज़रूरतमंदों की मदद करे। डॉक्टर्स के कार्यों की सराहना शब्दों में व्यक्त कर पाना बेहद कठिन है। मैं सलाम करता हूँ देश के सभी डॉक्टर्स को जो अपनी जान की परवाह किए बगैर सभी की मदद हेतु दिन रात तत्पर हैं।

©कुमार संदीप

मौलिक, स्वरचित, अप्रकाशित

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Kumar Sandeep

Kumar_Sandeep

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Babita Kushwaha · 3 years ago last edited 3 years ago

    बहुत बढ़िया लेख👌👌

  • Neha Srivastava · 3 years ago last edited 3 years ago

    Very good 💐💐

  • Resmi Sharma (Nikki ) · 3 years ago last edited 3 years ago

    बहुत बढ़िया 👍

  • Sonia Madaan · 3 years ago last edited 3 years ago

    Nice. Humari society Mai aise hi doctors ki zarurat hai

  • Kumar Sandeep · 3 years ago last edited 3 years ago

    धन्यवाद बबिता दी

  • Kumar Sandeep · 3 years ago last edited 3 years ago

    धन्यवाद नेहा मैम

  • Kumar Sandeep · 3 years ago last edited 3 years ago

    धन्यवाद सोनिया मैम

  • Kamlesh Vajpeyi · 3 years ago last edited 3 years ago

    एक आदर्श डाक्टर से यही अपेक्षा समाज को होती क्योंकि असंख्य मरीज़ों के लिए,डाक्टर जीवनदाता होते हैं. डाक्टरों में सेवा भावना आवश्यक है, क्योंकि उनके जरा से अतिरिक्त प्रयास से किसी का जीवन बच सकता है. बहुत अच्छा आलेख..!👍

  • Kumar Sandeep · 3 years ago last edited 3 years ago

    धन्यवाद सर आपका

  • Sharma · 3 years ago last edited 3 years ago

    Hamesha ki tarah good thought with good writing. Skill.....nice...👌👌

  • Kumar Sandeep · 3 years ago last edited 3 years ago

    मनःपूर्वक आभार मैम आपका

  • prem shanker · 3 years ago last edited 3 years ago

    वाह वाह संदीप जी, बेहतरीन आलेख है! अपनी लेखनी का पूरा उत्कर्ष जुटा दिया है। अति सुन्दर!

  • ARCHANA ANAND · 3 years ago last edited 3 years ago

    बहुत बढ़िया आलेख

  • Kumar Sandeep · 3 years ago last edited 3 years ago

    हार्दिक आभार प्रेम सर

  • Kumar Sandeep · 3 years ago last edited 3 years ago

    हार्दिक आभार अर्चना मैम

  • Anita Tomar · 3 years ago last edited 3 years ago

    बहुत ही बढ़िया लेख 👏👏👏👏💐💐

  • Kumar Sandeep · 3 years ago last edited 3 years ago

    धन्यवाद दी

  • Pragati tripathi · 3 years ago last edited 3 years ago

    बहुत सुंदर रचना 👏

  • Kumar Sandeep · 3 years ago last edited 3 years ago

    धन्यवाद मैम

  • Ashutosh kumar Jha · 3 years ago last edited 3 years ago

    सुन्दर आलेख

  • Kumar Sandeep · 3 years ago last edited 3 years ago

    धन्यवाद सर

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