वृद्धावस्था में बड़ों का विशेष ख़्याल रखिये

वृद्धावस्था में हम नहीं बनेंगे अपने बड़ों के सहारे की लाठी तो भला और कौन बनेगा !!

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Kumar Sandeep
Kumar Sandeep 01 Jun, 2020 | 1 min read

वृद्धावस्था में विशेष ख़्याल रखने की ज़रूरत है हमें अपने माता-पिता का व घर के बड़ों का। याद कीजिए बचपन के उन पलों को जब हम ठीक से चल भी नहीं पाते थे। उस वक्त से माता-पिता ने हमें संभाला है। पहली दफा जब हमने चलना सीखा था, तो पांव लड़खड़ाने लगे थे तब हमारी उंगली थाम कर हमारे माता-पिता ने हमें संभाला था। तो हमारी भी ज़िम्मेदारी बनती है कि हम वृद्धावस्था में उनका पूरा ख़्याल रखें। उनकी हर ज़रुरतों को पूरा करें।


वृद्धावस्था में सहारे की ज़रूरत पड़ती है:- समय जैसे-जैसे गुजरता है तन भी कमजोर और लाचार होने लगता है। वृद्धावस्था में चलने में, कोई भी काम करने में अत्यंत कठिनाईयाँ होती हैं। अनगिनत तकलीफ़ सहन करनी पड़ती है। पांव डगमगाने लगते हैं चलने वक्त। इस दशा में हमारा कर्तव्य है कि हम घर के बड़ों का अपने माता-पिता का सहारा बनें। मदद हेतु हाथ आगे बढ़ाएं। जब कभी जिस चीज़ की ज़रूरत हो हम उन्हें मुहैया कराएं। ताकि उन्हें अत्यधिक कठिनाई न हो।


कभी भी निराश और हताश न होने दें:- वृद्धावस्था में जब बेटे-बहू उचित मान व सम्मान नहीं देते हैं घर के बड़ों को तो उन्हें अत्यंत दुःख होता है। उनका मन टूट जाता है पूर्णतः। वे याद करने लगते हैं पुरानी बातें। जब वे अपने बच्चों का ख़्याल रखते थे अच्छे से, कभी भी किसी भी चीज़ की कमी नहीं महसूस होने देते थे बच्चों को। आज वही बच्चे जब उनके साथ उपेक्षित व्यवहार करते हैं,तो उन्हें बेहद पीड़ा होती है।पुरानी बातों को याद करते हुए उनके मन में दुःख की नदियाँ बहने लगती हैं। उनकी तकलीफ़ व दर्द का भान होना ही चाहिए बच्चों को और उनका पूरा ख़्याल रखना चाहिए। 


एक बात स्मरण रखिये घर में रौनक व ख़ुशी तभी फैलती है जब घर में बड़े-बुजुर्गों की उपस्थिति होती है। किसी भी शुभ अवसर पर यदि घर में बड़े-बुजुर्ग न रहें तो सबकुछ सूना-सा प्रतीत होता है। इसलिए अंतिम सांस तक बड़ों का ख़्याल रखिए। वृद्धावस्था में हम नहीं बनेंगे अपने बड़ों का सहारा तो भला कौन बनेगा। हमें अपनी ज़िम्मेदारी समझनी होगी।


©कुमार संदीप

मौलिक, स्वरचित, अप्रकाशित

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Kumar Sandeep

Kumar_Sandeep

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Sharma · 3 years ago last edited 3 years ago

    Nice thought

  • Praveen Miss · 3 years ago last edited 3 years ago

    आपकी कलम को नमन भाई

  • Praveen Miss · 3 years ago last edited 3 years ago

    आपकी कलम को नमन भाई

  • Kumar Sandeep · 3 years ago last edited 3 years ago

    @Annie Sharmजी हार्दिक आभार आपका

  • Kumar Sandeep · 3 years ago last edited 3 years ago

    @प्रवीण मिश्र!हार्दिक आभार भाई जी

  • Kamlesh Vajpeyi · 3 years ago last edited 3 years ago

    बहुत सुन्दर आलेख..!

  • Kumar Sandeep · 3 years ago last edited 3 years ago

    @Kamlesh Vajpeyiसर हार्दिक आभार आपका

  • Radha Gupta Patwari 'Vrindavani' · 3 years ago last edited 3 years ago

    Very emotional article

  • Kumar Sandeep · 3 years ago last edited 3 years ago

    @धन्यवाद राधा मैम

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