हिंदी महज एक भाषा नहीं है
हिंदी हमारे मन की भाषा है
हिंदी हमारी माँ है
जिस तरह माँ हमें
दुलारती है,प्यार करती है
ठीक उसी तरह
माँ हिंदी भी हमसे
बेइंतहा प्रेम करती है।।
हिंदी महज एक भाषा नहीं है
हिंदी बोलकर-पढ़कर, हम
समझते हैं स्वंय को सौभाग्यशाली
हिंदी लिखकर होता हमें गौरव।।
हिंदी महज एक भाषा नहीं है
आज इस भाषा से है हर किसी को प्रेम
माँ का दर्जा दिया नहीं है यूं ही हमने इस भाषा को
हम माँ की तरह पूजते भी हैं इस भाषा को।।
हिंदी महज एक भाषा नहीं है
हिंदी भाषा का स्थान है आज बहुत ही ऊंचा
हिंदी से बेइंतहा प्रेम सबको यूं ही नहीं है आज
हिंदी भाषा के प्रति है सबके मन में अगाध प्रेम आज।।
©कुमार संदीप
मौलिक, स्वरचित, अप्रकाशित
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
हिंदी दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं 🙏
जी मैम आपको भी
Bahootttt sundar.. hindi diwas ki badhai aapko.. 🙏🙏
बहुत बहुत आभार दी
बहुत खूब
धन्यवाद मैम
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