बर्थ-डे गिफ़्ट

अपने हिस्से की कुछ ख़ुशियाँँ हमें औरों के साथ भी साझा करना चाहिए।

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Kumar Sandeep
Kumar Sandeep 27 Sep, 2020 | 1 min read
Birthday gift Friendship

"अरे राहुल! यार तू रो मत रे! तेरी आँखों में आंसू देखकर मुझे अच्छा नहीं लगता है। आखिर आज क्या बात हुई जो तेरी आँखों से आंसू रूकने का नाम नहीं ले रहे हैं। तू तो मुझे अपना सबसे अच्छा दोस्त मानता है, मुझे बता क्या बात है। देख जब तक तू नहीं बताएगा तेरी आँखों के सामने से तेरा दोस्त कहीं नहीं जाएगा।" प्रवीण अपने दोस्त राहुल को चुप कराने का भरसक प्रयास कर रहा था। पर राहुल चाहकर भी अपने आंसुओं को रोक पाने में असमर्थ था। दरसल आज राहुल का जन्मदिन था। बीते कई दिनों से वह सोच रहा था कि अपने जन्मदिन के दिन मैं अपने दोस्त को मन पसंद चीज़ें होटल में ले जाकर खिलाऊंगा। पर आज, उसके पापा सूर्योदय से पूर्व ही खेत में काम करने चले गए। पापा के पास पैसे ही नहीं थे बेटे को देने के लिए। माँ के पास कुछ पैसे थे भी तो वह घर खर्च में खत्म को चुके थे। गरीबी की मार से परेशान होकर राहुल अपनी ज़िंदगी से शिकायतें कर रहा था मन ही मन। लाख मनाने पर राहुल ने अपने मन की बात प्रवीण के साथ साझा की। प्रवीण कहता है, "यार बस इतनी-सी बात के लिए तू मायूस है। तू रो मत मेरे दोस्त। तू कड़ी मेहनत और लगन से पढ़ाई कर एक दिन सफलता तुझे ज़रूर मिलेगी। ऐसा भी एक दिन आएगा जब गरीबी तेरे द्वार से बाहर ख़ुद के घर चली जाएगी। और उस दिन ख़ुशियाँ तेरे भी द्वार पर आएगी। आज तेरे पास पैसों की कमी है तो क्या हुआ। आज मेरे पापा ने मुझे कुछ पैसे दिए हैं, मन पसंद घड़ी खरीदने के लिए। मेरे पास पहले से ही ढ़ेर सारी घड़ी है। तुम रख लो अपने पास इन पैसों को। तुम्हें जिस चीज़ की ज़रूरत हो खरीद लेना इन पैसों से। मेरा पेट पहले से ही भरा है आज। कुछ भी खाने का मन नहीं है। आज रात में भी खाना नहीं खाऊंगा घर पर।" राहुल कहता है, "प्रवीण तेरा दिल सचमुच तेरे घर से भी बड़ा है रे! दोस्त के लिए तू कितना सोचता है। तुमने बातों ही बातों में मुझे आगे बढ़ने की प्रेरणा भी दी और साथ ही जन्मदिन के दिन एक बड़ा उपहार भी, अपने पास रखे इन पैसों को देकर।" इतना कहते हुए अपने दोस्त के गले लगकर राहुल फिर से रोने लगा। प्रवीण कहता है, "राहुल एक दोस्त अपने दोस्त के लिए इतना भी नहीं कर सकता है क्या? मैं तुम्हें अपना दोस्त ही नहीं तुम्हें अपना भाई भी मानता हूँ।" राहुल को ऐसा लग रहा था कि उसे आज बर्थ-डे के दिन दोस्त के रुप में भाई का साथ मिल जाने से बड़ा गिफ़्ट मिल गया।

©कुमार संदीप

मौलिक, स्वरचित, अप्रकाशित 

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