स्त्री कमज़ोर नहीं होती है

नारी शक्ति को समर्पित है यह रचना।

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Kumar Sandeep
Kumar Sandeep 21 Aug, 2020 | 1 min read
Hindi poetry Woman

स्त्री को कमज़ोर समझने की भूल

है सबसे बड़ी भूल

स्त्री कमज़ोर नहीं 

स्त्री होती है बेहद मजबूत

स्त्री हर असंभव कार्य को

संभव कर सकती है

इसमें किंचित भी संदेह नहीं है।।


स्त्री को बेकार समझने वाले

इस दुनिया के सबसे बड़े मूर्ख हैं

स्त्री न केवल घर-परिवार

अपितु संपूर्ण जगत को

सुव्यवस्थित तरह से संचालित 

करने की क्षमता स्वयं के 

अंदर मौजूद रखती है।


स्त्री को प्रताड़ित करने वाले

स्त्री को बेइंतहा कष्ट देने वाले

कभी ख़ुश नहीं रहते हैं

उन पापियों को मृत्यु भी 

जल्द गले नहीं लगाती है

वे मरते हैं तड़प-तड़पकर

सिहरता है उन पापियों का रोम-रोम।।


स्त्री को भोग की वस्तु समझने वाले

होते हैं सबसे बड़े अभागे

स्त्री की महिमा का वर्णन

देवतागण से भी है बेहद मुश्किल

देवता भी पूजन करते हैं स्त्री का

शायद इस बात से अनजान होते हैं

कुछ इंसान जो हैं इस धरती के बोझ।।


स्त्री ताउम्र ख़ुद से अधिक

अपने परिवार से प्रेम करती है

स्त्री संपूर्ण जगत को 

एक नवीन रुप देने की क्षमता रखती है

स्त्री को यदि न बाँधा जाए

बेवजह के बंधनों में तो

स्त्री हर असंभव कार्य को कर सकती है संभव।।


©कुमार संदीप

मौलिक, स्वरचित, अप्रकाशित

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Kumar Sandeep

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Comments

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  • Anita Tomar · 3 years ago last edited 3 years ago

    शानदार रचना 👏👏👏💐💐

  • Kumar Sandeep · 3 years ago last edited 3 years ago

    धन्यवाद दी आपका

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