बारिश जब होती है तो किसी के लिए यह उत्सव से कम नहीं होता है, तो किसी के लिए अपार दुख की वजह। चाहे श्रावण मास के दौरान बारिश हो या अन्य महीनों में बारिश होती हो मेरी आँखों से आंसू बहना तय है। आँखों से आंसू इसलिए क्योंकि आपने जब पूरी ज़िंदगी दुख में गुजारा हो अभाव में गुजारा हो तो आपके लिए मुश्किल सहन करना आसान नहीं होता है। उन गरीब परिवारवालों के लिए बारिश किसी बड़ी मुश्किल से कम नहीं है जिनके पास फूस की छत है। बारिश उनके लिए ख़ुशी नहीं बल्कि दुख लेकर आती है। फूस की छत से ज्यों-ज्यों पानी टपकता है उनके हृदय में एक अज़ब उथलपुथल मच जाती है। बारिश की बूंदें एक ओर जहाँ घर के हर सामानों को भीगो देती है वहीं दूसरी ओर उनकी आँखों से अश्रु की धार भी निकलती है जिनका फूस का घर होता है।
बारिश के दौरान जब बिजली कड़कती है:- बारिश होने के दौरान जब बिजली कड़कती है तो गरीब परिवार के मन में एक अज़ब बेचैनी होने लगती है। डर रहता है मन में, कहीं कड़कती बिजली घर पर न गिर जाए। पहले से ही उनके जीवन में दुख ही दुख रहता है और जब बारिश आती है तो दुख का आकार दोगुना हो जाता है उनके जीवन में। मैंने अपने जीवन में कई ऐसी रातें गुजारी हैं जब मैं उस रात सोया नहीं, बल्कि पूरी रात बैठकर चिंता में बिताया है। चिंता और नींद न आने की मुख्य वजह बारिश ही थी। कड़कती बिजली का डर और ऊपर से बारिश की पानी से यत्र-तत्र सर्वत्र पानी ही पानी। तो ऐसी दशा में भला चिंता किसे नहीं होगा। तो अपने दुख की तरह ही मैं दूसरों के दुख को भी समझता हूं। बारिश जब आती है तो सचमुच गरीब परिवार को अपार दुख देती है। जो असहनीय होता है फिर भी उन्हें सहन करना पड़ता है।
हर दृष्टिकोण से जो हैं सामर्थ्यवान उनके लिए बारिश:- आर्थिक रुप से जिनकी स्थिति सुदृढ़ है। किसी भी चीज़ की कमी नहीं है, उनके लिए बारिश एक त्योहार की तरह है। जैसे ही बारिश प्रारंभ होती है उनके मन में उमंग छा जाता है। उनके घर में पकौड़े सहित तरह-तरह के स्वादिष्ट व्यंजन बनते हैं। इसीलिए मैंने रचना के प्रारंभ में ही कहा कि बारिश किसी के लिए ख़ुशी की सौगात है तो किसी के लिए दुख की सौगात लेकिर आती है।
चाहे जिस भी मौसम में बारिश होती है गरीब परिवार के लिए बारिश दुख ही लेकर आती है। बारिश के दौरान ईश्वर से बस इतनी ही प्रार्थना रहती है कि हे ईश्वर! बारिश का होना भी ज़रूरी है पर इतनी भी बारिश न हो कि बारिश तो मन भर बरस कर रुक जाए पर गरीब की आँखों से आंसू न रुके। इसलिए हे ईश्वर! गरीब परिवार के जीवन में कम-से-कम बारिश की वजह से कोई दुख न हो इसलिए आप अपनी कृपादृष्टि उनके ऊपर दिखाइये। उनके जीवन से दर्द दूर कर दीजिए।
(रचना के माध्यम से मैंने बारिश के दौरान निर्धन परिवार जो दुख सहन करते हैं उसे व्यक्त करने की कोशिश की है। बारिश का होना भी आवश्यक है पर इतनी भी नहीं कि किसी के लिए दुख की वजह ही बन जाए।)
©कुमार संदीप
मौलिक, स्वरचित, अप्रकाशित
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
बिल्कुल सही कहा है आपने संदीप जी।
बहुत सुन्दर भाव सचमुच बारिश किसी के लिए आफत होती है या तो किसी के लिए खुशी बस भगवान को बैलेंस बनाकर रखना चाहिए कि सभी बारिश का आनंद उठा सकें किसी के लिए परेशानी ना बने| बहुत बधाई आपको संदीप
धन्यवाद इंदु मैम
हार्दिक आभार मैम आपका
गरीब परिवार का बहुत ही अच्छी तरह के वर्णन किया है बहुत बढ़िया
Very true & inspirational
Bahut sundar description
Bahut achha lekh ?
धन्यवाद बबिता दी
धन्यवाद Talib सर
धन्यवाद मनीषा मैम
धन्यवाद सोनिया मैम
बहुत सही वर्णन बारिश का, किसी के लिए खुशी तो किसी के लिए दर्द ???️
धन्यवाद दी आपका
Bahut se pariwaro ko yahi presani hoti hai.
बहुत बढ़िया लेख.... असमय की बरसात किसानों के लिए मुसीबत खड़ी कर देती है, परंतु गरीबों के लिए तो हमेशा ही बरसात दुखदायी है।
धन्यवाद सविता मैम
धन्यवाद अनिता दी
Bhuat hi khubsurati se likha ??
बेहद गहराई से गरीब का दर्द उकेरा।
Thanks a lot ekta mam
धन्यवाद निधि दी
बहुत सुंदर,??
धन्यवाद मैम
Bahut sunder
धन्यवाद माता श्री
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