रिश्तों में बढ़ेगी नजदीकियां

Topic-रिश्तों की डोर Article-01

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Kumar Sandeep
Kumar Sandeep 05 May, 2020 | 1 min read

आधुनिक समय में हर कोई ख़ुद की तरक्की और उन्नति के लिए परेशान है।पर इस बीच कहीं-न-कहीं रिश्तों की डोर कमजोरी हो रही है।रिश्ते ही तो जीवन में मौजूद ख़ुशियों का वास्तविक एहसास दिलाते हैं।पर आज,इस बात से सभी अनजान बनें हुए हैं।चकाचौंध भरी इस दुनिया में रिश्तों की एहमियत आज कुछ भी नहीं है।आज इस आलेख के माध्यम से आपको बताने का प्रयास करूँगा कि किस प्रकार हम रिश्तों की डोर को मजबूत कर सकते हैं।

आँखें केवल देखने के लिए ही नहीं होती है।कुछ बातों को देखकर भी अनदेखा करना चाहिए।हर बात को दिल पर लेने से रिश्तों में दूरियां ही बढ़ती है।कुछ बातों को अनसुना कर दीजिए अनदेखा कर दीजिए।तभी रिश्तों में आई दूरियां कम होगी।अन्यथा हर बातों को दिल पर लेने से,हर बातों पर विशेष मंथन करने से रिश्तों में दरार आ सकती है।

अतीत की बातों का वर्तमान में लाकर उन बातों का जिक्र करने से भी रिश्तों में दूरियां बढ़ती है।इसलिए प्रयास कीजिए बीती बातों को भूलने की।इससे रिश्तों में दूरियां कम होगी और नजदीकियां बढ़ेगी।रिश्ते बेहद अनमोल होते हैं।इस बात को भूलिए मत कभी।कुछ भी ऐसा मत कीजिए जिनसे रिश्तों में दूरियां बढ़ें।अन्यथा एक समय ऐसा भी आएगा जब आप बिल्कुल अकेले पड़ जाएंगे।तब आपको अपने किए पर पछतावा होगा।और उस वक्त पछताने से कुछ भी हासिल नहीं होगा आपको क्योंकि तब बहुत देर हो जाएगी।रिश्ते बिखर चूके होंगे तब तक।

इसलिए अपने जीवन के कुछ क्षण रिश्तों को भी दें।ऐसा करने से सचमुच रिश्तों की डोर में मजबूती आएगी।आपके रिश्ते सदैव प्रेम रुपी पुष्प से सरावोर होकर सदैव के लिए बनें रहेंगे।

©कुमार संदीप

मौलिक, स्वरचित, अप्रकाशित

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