बंदरिया

चादर में लिपटा बच्चा था एकदम चुप

Originally published in hi
Reactions 1
552
Dr. Pratik Prabhakar
Dr. Pratik Prabhakar 21 Nov, 2020 | 1 min read
Doctor Monkey Mother

बंदरिया

अभी हाल में मैंने एक घटना देखी , चूँकि मैं चिकित्सा विज्ञान का छात्र हूँ रोज़ कई लाशें देखने को मिलती है।पास में रोते- बिलखते परिजन और उजले चादर में ढकीं लाश। आप कहेंगे छात्र होने के नाते मुझे ये सब देखना होगा, वो तो ठीक है पर परसों की बात है एक महिला चादर में लिपटे रोते बच्चे को लिए अस्पताल में दाखिल हुई ।उसने मुझसे बच्चा विभाग का रास्ता पूछा । मैंने बता दिया।

लगभग डेढ़ घंटे बाद जब मेरी ड्यूटी ख़त्म हुई और मैं लौट रहा था।मैंने उस महिला को रोते देखा । बच्चा अब भी चादर में लिपटा था । फ़र्क बस इतना था कि वो रो नहीं था। शायद, शायद वो मर गया था । इस दृश्य को देख मुझे एक बंदरिया की याद आ गयी।


आप फिर टोकेंगे मुझे " एक माँ की तुलना बंदरिया से कैसे??"

बात काफी साल पुरानी है मेरे मोहल्ले में एक बंदरिया आया करती थी। लोग कहते थे " वो बच्चे को उठा ले जाती है"।बंदरिया के आते ही हो हल्ला मच जाता था। उसको भगाने के प्रयास किये जाते थे।

हुआ कुछ यूँ था कि हमने अपनी मकड़जाल सी दुनिया बनाने के लिए तारों का अंबार खड़ा कर लिया, टेलीफोन केबल लगाये । बिजली के खंभे लगाये।इसने हमारे सुख सुविधा को बढ़ाया परन्तु किसी का जीना मुश्किल कर दिया। रोज हजारों पंछी तारों पर बैठने से मर जाते हैं।

खैर बंदरिया का एक छोटा बच्चा था।बहुत शरारती था, एक बार बिजली के तार में उलझा और करंट लग कर मर गया।बंदरिया कुछ दिन उसी बच्चे को ले घूमती रही ।पर जब उसे पता चला की बच्चा बोलता नहीं तो उसे फेंक दिया।

फिर कुछ दिनों के बाद कुत्ते के बच्चे को उसके गोद में देखा गया।एक बार तो उसने इंसान के बच्चे को उठा लिया था पर माँ के शोर मचाने पर बच्चा को छोड़ भाग गई बंदरिया।


आज नहीं तो कल हमे चुकाना होगा जो जाने अनजाने हमने किया है। मैं देख रहा था रोती माँ और चादर में लिपटा बच्चा , एक दम चुप।।



1 likes

Published By

Dr. Pratik Prabhakar

Drpratikprabhakar

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Namrata Pandey · 3 years ago last edited 3 years ago

    बेहद मार्मिक

  • Kumar Sandeep · 3 years ago last edited 3 years ago

    हृदयस्पर्शी

  • Shubhangani Sharma · 3 years ago last edited 3 years ago

    निःशब्द

Please Login or Create a free account to comment.