अंधा प्यार

किसी के धोखे की सजा खुद को देना कितना सही??

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Babita Kushwaha
Babita Kushwaha 27 Oct, 2020 | 1 min read
Relationship love

लिखते लिखते आंखों से आंसू गिर रहे थे... लेकिन रीना बहते आँसुओ के साथ कागज पर कुछ लिखे जा रही थी। उसने कभी नही सोचा था कि आज का दिन उसके जीवन का काल लेकर आएगा। रीना अपने माँ बाप की इकलौती बेटी थी। घर मे शादी की तैयारियां जोर शोर से चल रही थी। दो दिन बाद रीना की शादी जो थी। माँ बाप तो खुशी से फुले नही समा रहे थे। घर मे हँसी खुशी का माहौल था कुछ औरते आंगन में शादी के मंगल गीत गा रही थी।

रीना की सहेलियां भी होने वाले पति का नाम ले ले कर उसे छेड़ रही थी। रीना भी राकेश के दूल्हा बनकर आने और उसे दुल्हन बना कर ले जाने का इंतजार कर रही थी। अभी लगभग 6 महीने पहले ही तो वो राकेश से अपने एक दोस्त के बर्थडे पार्टी में मिली थी। राकेश पढ़ा लिखा था और दिखने में भी स्मार्ट था। राकेश ने रीना को बताया कि वो किसी कंपनी में जॉब करता है और उसका इस दुनिया मे कोई नही है माँ बाप भी कुछ सालों पहले चल बसे है। राकेश की कहानी सुन रीना को उससे लगाव सा हो गया था। बातों बातों में दोनो ने फोन नंबर भी बदले। और फिर शुरू हुआ मुलाकातों का सिलसिला। ये मुलाकातें कब प्यार में बदली रीना समझ ही नही पाई। रीना दिन भर राकेश के ही ख्यालों में खोई रहती। राकेश का उसे एकटक देखना, उसकी हर बात पर चिंता करना, उसका ख्याल रखना रीना को अंदर से गुदगुदा जाता।

रीना की आंखों में राकेश के अंधे प्यार की पट्टी बंध गई थी। उसने राकेश के व्यग्तिगत जीवन के बारे में जानने की कभी कोशिश ही नही कि, जो राकेश बोलता उसके लिए वही सच होता। रीना की सोच राकेश के नाम से ही शुरू होती और उसी पर खत्म। हर रोज मिलना फ़ोन पर घंटो बात करना रीना की आदत बन चुकी थी।

आखिर घर वालो से बात कब तक छुपती रीना ने भी सबके सामने अपने प्यार को स्वीकार कर लिया था। लेकिन रीना के पिताजी को राकेश का अनाथ होना अखर रहा था। राकेश के बारे में उन्होनें अपनी तरफ से भी जानकारी जुटानी चाही लेकिन कुछ खास जानकारी न मिल पाई। पापा ने भी रीना को समझाने की बहुत कोशिश करी, की राकेश उन्हें ठीक लड़का नही लगता लेकिन रीना के सामने तो जैसे राकेश का ही भूत सवार था उसने सबको धमकी दे डाली की शादी करेगी तो सिर्फ राकेश से ही। आखिर माँ बाप को रीना के आगे झुकना पड़ा उसकी खुशी के आगे उनके लिए कुछ नही था। घर मे शादी की तैयारियां होने लगी। शादी के सारे कार्ड बंट चुके थे घर मे मेहमान भी आने लगे थे अब से बस दो दिन बाद रीना हमेशा के लिए राकेश की होने वाली थी।

लेकिन नियति को शायद कुछ और ही मंजूर था। आज रीना की पक्की सहेली ललिता का फ़ोन आया कि वो कुछ दिनों पहले ही अपने एक रिश्तेदार के यहा दिल्ली आई है यहाँ आज राकेश को एक औरत के साथ उसने मार्केट में देखा। देखने से लग रहा था जैसे वह औरत उसकी बहुत करीबी है इसलिए उसकी फोटो भी चुपके से मैने अपने फ़ोन में निकाल ली है और रीना को व्हाट्सएप पर भेज दी। "अपने एक दोस्त के साथ मैंने उसका पीछा किया तो उसे एक घर मे जाते हुए देखा। पड़ोसियों से पूछा तो पता चला वह वहाँ कई सालों से अपनी पत्नी के साथ रहता है। मतलब वो शादीशुदा है राकेश ने तुझे धोखा दिया है रीना"

रीना के तो मानो पैरों तले जमीन खिसक गई। उसे ललिता की बातों पर बिल्कुल विश्वास न हुआ उसने तुरंत ललिता की भेजी तस्वीर को देखा वो राकेश ही था उसने वही शर्ट पहन रखी थी जो रीना ने उसे तोहफे में दी थी। उसने अगले ही पल राकेश को फ़ोन किया पर फोन बंद आया। दिमाग मे बहुत जोर डालने पर उसे उसकी कंपनी का नाम याद आया लेकिन जब गूगल पर सर्च किया तब पता चला कि इस नाम की कम्पनी तो शहर में है ही नही। अब उसे ललिता की बातों का यकीन हो चला था क्यों राकेश अक्सर ऑफिस के काम के बहाने से हर दो-तीन दिन में टूर पर जाता था..... टूर पर अक्सर उसका फोन बंद ही होता था.... उस समय तो उसने कभी ध्यान ही न दिया लेकिन अब उसे साफ समझ आ रहा था कि राकेश ने उसके प्यार के साथ खिलवाड़ किया है।

रीना अंदर से टूट गई अभी कुछ देर पहले ही शादी की खुशियों में डूबी थी वह गम में तब्दील हो गई। उसकी आँखों मे आँसू थे लेकिन यह डर था कि अब वह घरवालों का सामना कैसे करेंगी उन्हें कैसे बताएंगी जो बाहर शादी की तैयारियों में लगे हुए है। पापा के मना करने पर भी उसने किसी की एक न सुनी थी। अब तो चारों तरफ उसकी बदनामी ही होगी लोग उस पर हँसेंगे। रीना को अब कोई रास्ता समझ नही आ रहा था सिवाय आत्महत्या के। इसलिए बहते आँसुओ की धार के साथ उसने अपने मन की पीड़ा कागज पर उतार दी। "माँ पापा मुझे माफ़ करना मैंने आपकी बात नही मानी उसकी सजा तो मुझे मिलनी ही थी। आप सही थे राकेश ने मुझे धोका दिया है। ऐसे एन वक़्त पर शादी टूटने की बदनामी मुझसे सहन न होगी हो सके तो मुझे माफ़ करना मैं आपकी अच्छी बेटी न बन पाई" और अपनी जीवन लीला हमेशा के लिए समाप्त कर ली। रीना ने अपना जीवन तो समाप्त कर लिया लेकिन अपने माँ बाप को जीते जी ही मार दिया। राकेश ने तो गलत किया ही लेकिन शायद रीना ने राकेश से भी बड़ा पाप किया उसने सिर्फ अपनी पीड़ा और सिर्फ अपने दुख को देखा लेकिन अपने जाने के बाद अपने माता पिता को होने वाली असहाय पीड़ा और दुख को नही देखा।

दोस्तो क्या रीना ने सही किया। कॉमेंट कर अपनी प्रतिक्रिया जरूर दे। धन्यवाद

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Babita Kushwaha

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Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Savita vishal patel · 3 years ago last edited 3 years ago

    Nice

  • Sonnu Lamba · 3 years ago last edited 3 years ago

    सही बात है, जीवन कभी सीधा सादा नही होता, वक्त के साथ आगे बढना चाहिए, ना कि इस तरह का कदम उठायें..

  • Sonia Madaan · 3 years ago last edited 3 years ago

    हमारे समाज की एक आदत है, दोषारोपण की। गलती होने पर हम उसे कोसते हैं, दोष देते हैं। जजमेंट का यह आचरण बहुत बुरा प्रभाव छोड़ता है। इसलिए कोई किसी के सामने न अपनी गलती को बेझिझक स्वीकार कर पाता है और न ही अपनी दुविधा या अपनी बात कह पाता है। वरना कोई ऐसा कदम न उठाए। परिवार और दोस्तों को विश्वास में लिया जाना चाहिए।

  • Babita Kushwaha · 3 years ago last edited 3 years ago

    अपने बहुमूल्य विचार देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद💐

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