बदलाव

एक कविता बदलाव को समझने हेतु।

Originally published in hi
Reactions 1
498
Shilpi Goel
Shilpi Goel 15 Jan, 2021 | 1 min read

जीवन में बदलाव है बेहद जरूरी

बदलाव बिना है जिंदगी अधूरी;


एक बच्ची बन जाती लड़की

लड़की से बनती वो औरत

औरत जब बन जाती है माँ

हो जाती जीवन की कमी पूरी

बदलाव बिना है जिंदगी अधूरी;


एक बच्चा बन जाता लड़का

लड़का बन जाता है आदमी

आदमी से बनता जब पिता

हो जाती जीवन की कमी पूरी

बदलाव बिना है जिंदगी अधूरी;


एक बीज बन जाता पौधा

पौधा बन जाता है वृक्ष

वृक्ष देता है ठंडी छाँव

वृक्ष से मिलती हरियाली

हो जाती जीवन की कमी पूरी

बदलाव बिना है जिंदगी अधूरी;


सवेरा बन जाता है दिन

दिन बन जाता फिर सांझ

सांझ बदलती रात में

रात लाती एक नया सवेरा

बदलाव बिना है जीवन अधूरा;


समय बदलता है पल- पल

होता ना किसी का मोहताज

बना देता राजा को फकीर

फकीर को बना देता राजा

बदलाव बिना है जीवन अधूरा;


अमीर भी देखे,गरीब भी देखे

तकदीर के बदलते खेल भी देखे

देखे हैं दुनिया के रंग कई

कहते हैं,समय से तेज ना बदलता कोई

पर मैंने,समय से तेज बदलते लोग देखे;


जीवन में बदलाव है बेहद जरूरी

बदलाव बिना है जिंदगी अधूरी।

- शिल्पी गोयल (स्वरचित एवं मौलिक)






1 likes

Published By

Shilpi Goel

shilpi goel

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Kumar Sandeep · 3 years ago last edited 3 years ago

    👌👌

  • Kumar Sandeep · 3 years ago last edited 3 years ago

    बेहद उम्दा रचना

  • Shilpi Goel · 3 years ago last edited 3 years ago

    शुक्रिया

  • Sonia Madaan · 3 years ago last edited 3 years ago

    Nice,. Badlav samay ki maang hai. Vikaas ke raaste khulte Hain.

Please Login or Create a free account to comment.