जागरण भाग-1

ये धरती, ये प्रकृति..... ना जाने कितने राज़ छुपे हैं समय के गर्भ में..... कितनी ही घटनायें घटती हैं और जैसे समुद्र की अथाह जल राशि में उठती-गिरती लहरों का लोप हो जाता है वैसे ही ये घटनायें भी भूत काल के या इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए लोप जाती हैं..... पर क्या हो जब ऐसी ही किसी ऐतिहासिक घटना के कारक..... दो व्यक्ति एक नए रूप, नए अवतार में फिर से वर्तमान में एक-दूसरे के आमने-सामने आते हैं..... ये है ऐसी ही एक कहानी .....कार्तिका और विराट की।

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AM 23 Jun, 2022 | 1 min read

बेंगलुरू का मौसम वैसे तो हमेशा ही बहुत सुहावना होता है पर आज की बात ही कुछ और थी। साफ़ नीला आसमान और उसपर चमकती धूप की किरणें और मंद- मंद बहती हवा....आज के दिन को कुछ अलग, कुछ ख़ास बना रहीं थीं।

सुबह के 8 बजे एस आर काम्प्लेक्स में बहुत चहल- पहल थी। आज एस आर हॉस्पिटल के लिए 12 नए फिजीशियन्स और सर्जन्स का चुनाव जो हो रहा था। बहुत सारे योग्य डाॅक्टर्स एस आर में नौकरी पाने के लिए अपना इंटरव्यू दे रहे थे और अपने योग्यता एवं अनुभव का सम्यक प्रदर्शन कर रहे थे। करें भी क्यों न आखिर बात एस आर की थी जो सिर्फ बेस्ट ऑफ द बेस्ट अपने लिए चुनती है। उनका इंटरव्यू 5 डॉक्टर्स की एक अत्यंत अनुभवी और दक्ष टीम ले रही थी जो बाल की खाल निकाल कर ही दम ले रही थी।


तो ये है एस आर मेड टेक, भारत के टाॅप 5 मेड टेक कम्पनीज़ में से एक और  देश में इसकी ऑलओवर रैंकिंग 17 है। इसका इवॅलुएशन 4 लाख 30 हजार करोड़ रुपये था। ये बहुत पुरानी कंपनी नहीं थी, सिर्फ 12 साल पुरानी! इसकी संस्थापक थीं कार्तिका शर्मा और सुर्वी सिंह। कार्तिका इसकी सीईओ थी और सुर्वी इसकी मैनेजिंग डायरेक्टर थी। दोनों सेल्फ मेड बिजनेस वुमन थीं और उन्होंने अपने जीवन के बारह बेशकीमती साल इस कंपनी को बनाने और आगे बढ़ाने में लगा दिए बिना एक भी पल गंवाए। इसी का नतीजा था कि देशभर में एस आर की धूम मच गई थी।


बात अगर कार्तिका और सुर्वी के आपसी रिश्ते की करें तो दोनों ही बहुत अच्छी दोस्त और एक-दूसरे का परिवार थीं। दोनों ने कई मुश्किलों का सामना मिलकर किया और सफल होकर साथ- साथ उभरीं।


एस आर हॉस्पिटल एस आर मेड टेक यानी श्रीराम मेड टेक के अंतर्गत आता है और देश का जाना- माना टॉप हॉस्पिटल है। सारे डॉक्टर अपने चुनाव के बाद कार्तिका और सुर्वी से मिलने वाले थे। दोनों ही इसके लिए बहुत उत्साहित थीं क्यूँकि उन्हे भी पता था आज उनकी मुलाकात देश ही नहीं बल्कि दुनिया के कुछ सबसे बेहतरीन डॉक्टर्स और सर्जन्स से होने वाली है।


करीब 11:53 हो गया इंटरव्यू पूरा होते-होते।चुने गए सभी 12 डॉक्टर्स एक एअरकंडीशन्ड कमरे मेें बैठकर कार्तिका और सुर्वी का इंतजार कर रहे थे।उन्हें बताया गया था कि वो दोनों उन्हें ठीक 12:00 बजे दोपहर के संबोधित करेंगी।

12 बज के 18 मिनट हो चुके थे। सभी डॉक्टर्स एक एअरकंडीशन्ड  कॉन्फ्रेंस रूम में बैठे हुए थे और कार्तिका उन्हे सम्बोधित कर रही थी। सुर्वी अपना संबोधन पहले ही दे चुकी थी। कार्तिका कह रही थी" देखिए हम सब तो बिज़नेस करते हैं पर आप सब डॉक्टर्स हैं। न आप मेें, न मुझ मेें कोई समानता है इसलिए हो सकता है आपको मेरा आपको सम्बोधित करना बेतुका लगे। अब आप सब वर्ल्ड क्लास साइंटिस्ट्स और डॉक्टर्स हैं, भला मैं आपको क्या सिखा दूँगी पर एक प्रोफेशनल होने के नाते आप सब प्रोफेशनल्स से मैं सिर्फ इतना ही कहूँगी की प्लीज़ अपने काम मेें अपना जी-जान लगा दें और प्लीज़ रिजल्ट की चिंता ना करें। सब बहुत अच्छा होगा।" उसने जैसे ही अपनी बात पूरी की चुने हुए 5 फिजीशियन्स और 7 सर्जन्स में से एक लगभग 28-29 साल के नौजवान ने अपना दाहिना हाथ ऊपर उठा दिया जैसे कुछ पूछना चाहता हो। सभी उसे ऐसे देखने लगे मानो कोई अजूबा देख लिया हो। यहाँ सब एक-से-एक अनुभवी और अधिक उम्र के डॉक्टर्स थे इसीलिए उसकी उपस्थिति हर किसी को हैरन कर रही थी।इंटरव्यू  में भी उसने सबको हैरान कर दिया जब उसने बताया कि वो सीनियर कार्डियो सर्जन के पोस्ट के लिए इंटरव्यू देने आया है। पर उसने अपनी योग्यता से ज्यूरी को अपना कायल बना लिया और मनचाहा पद भी पा लिया। हालाँकि पहले पहल तो ज्यूरी को भी विश्वास नहीं हो रहा था कि अभी एम एस या एम सी एच करने की उम्र में ये लड़का यहाँ सीनियर कार्डियो सर्जन की पोस्ट के लिए इंटरव्यू देने आया है! कार्तिका ने उसे इशारे से सवाल  पूछने के लिए कहा। वो उठा और उसने पूछा" अगर एक  मरीज़ जिसकी अभी-अभी ओपन हार्ट सर्जरी हुई  है उसका डॉक्टर  सर्जरी करने के बाद अगर आराम से बैठ जाए और रिजल्ट का इंतज़ार करने लगे तो आपको पता है क्या होगा? " कार्तिका ने ना में सिर हिला दिया तो उस नौजवान डॉक्टर ने कहा " उसका हार्ट रेट असमान्य हो जाएगा इसलिए एहतियातन सर्जरी के बाद हमें हार्ट बीट रेगुलेट करने के लिए दवाईयां देनी होती हैं, बैटा-ब्लॉकर  मेटोप्रोलॉल जैसी, ना कि चैन से  बैठना होता है, हम डॉक्टर्स के लिए बेचैनी और स्ट्रेस का होना अनिवार्य है भले वो स्ट्रेस क्यूँ ना हमें ही दिल का मरीज़ बना दे।" उस नौजवान डॉक्टर ने लगभग चिढ़ते हुए और कार्तिका की हंसी उड़ाते हुए कहा।  सब उसे ऐसे देख रहे थे मानो कोई भूत देख लिया हो। उसका ये जवाब सुनकर कार्तिका मुस्कराने लगी।  सब जानते थे कि कार्तिका एक बहुत समझदार , उदार और खुले विचारों वाली बॉस है जिसके सामने कोई भी इम्पलॉयी अपनी बात साफ़ साफ़ रख सकता था, बिना झिझके अपनी समस्याएं बता सकता था और अपना मत रख सकता था पर पहले ही दिन ऐसा रिएक्शन और ऐसी बातचीत!! ऐसा कौन करता है जैसा उस नौजवान डॉक्टर ने किया! एक पल को तो  खुद कार्तिका आवाक़ रह गई थी। सुर्वी अभी उसे हैरान नजरों से घूर रही थी।  मतलब मीटिंग्स में भी तो बात करने का एक कायदा होता है।  ऐसा थोड़े होता है कि जो मन करे वो बोल दो और किसी का भी मज़ाक उड़ा दो! कार्तिका ने बड़ी शालीनता से कहा "जी ! आपकी बात भी बिल्कुल सही है। मैंने तो बस अपना सुझाव दिया है आप सब को, आगे आपकी इच्छा।" इसके बाद ये मीटिंग यहीं समाप्त हो गई और सब कॉन्फ्रेंस रूम से बाहर आ गए।

बाहर आते ही कार्तिका अपने हाथ में पकड़े सभी सिलेक्ट हो चुके डाक्टर्स के बायो डेटा फाइल में से उस नौजवान डॉक्टर का बायो डेटा पढ़ रही थी। नाम- डॉक्टर विराट शुक्ला। क्वॉलिफिकेशन- एम बी बी एस, एम एस, एम सी एच फ्रॉम दिल्ली एम्स। प्रैक्टिस एक्सपीरियंस ऑफ 3 इयर्स फ्रॉम रॉयल ब्रॉम्प्टन हॉस्पिटल ऑफ लंदन। उम्र-29 साल। तभी पीछे से सुर्वी आयी और पूछा कि क्या कर रही हो और  उसके हाथ में उसी डॉक्टर की फाइल देखकर बोली " हाँ तो आज उसने ग़ज़ब बेइज्जती की है तुम्हारी! मतलब ऐसे कौन बात करता है यार! मानना पड़ेगा बच्चे में बहुत हिम्मत है!" और कहकर हंसने लगी।  उसे देखकर कार्तिका भी हंसने लगी फिर रूककर उसने कहा " लेकिन यार! ये डॉक्टर बहुत क्वॉलिफाइड है! हमारा हॉस्पिटल बहुत आगे जाएगा ऐसे डॉक्टर्स के होने से। मतलब देख तो सही लंदन के रॉयल ब्रॉम्प्टन हॉस्पिटल से 3 साल प्रैक्टिस करके आया है जो दुनिया का टॉप कार्डियो हॉस्पिटल है। अब इतना क्वॉलिफाइड है तो थोड़ा-बहुत ऐटिट्युड तो होगा ही!" और कहकर हंसने लगी । उसकी बातों से  साफ़ पता चल रहा था कि विराट की कही किसी बात का कोई बुरा उसे नहीं लगा। उसे देखकर सुर्वी भी हँसने लगी और बोली" इसीलिए तू मेरी आइडियल है !"

मन ही मन कार्तिका ये सोच रही थी कि" इतनी कमाल की पहली मुलाकात थी तो आगे क्या होगा!" और  मंद- मंद  मुस्कुरा दी।



दोस्तों ये मेरी पहली रचना है और यह पूर्णतः मौलिक है। मैं लेखन की दुनिया मेें बस अभी-अभी आयी हूँ। कृपया दिल खोलकर अपनी अनमोल समीक्षायें मुझे दें। मैं एक स्टूडेंट भी हूँ इसलिए पढ़ाई से समय निकाल कर लिख रही हूँ। और मेरा विश्वास करिए लिखना वो भी मोबाइल पर बिल्कुल भी आसान नहीं। इसलिए कृपया करके मेरा उत्साहवर्धन करिए और मार्गदर्शन भी। आपकी अनमोल समीक्षाओं का मुझे बेसब्री से इंतजार रहेगा।



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Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • vijay mishra · 1 year ago last edited 1 year ago

    Nice story 😍🤩

  • AM · 1 year ago last edited 1 year ago

    कैसी लगी आपको ये कहानी? कृपया ज़रूर बताएँ.

  • rashi sharma · 1 year ago last edited 1 year ago

    too good

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